
Social media screenshot from City of Guelph Mayor Cam Guthrie. Mayor Cam Guthrie speaking at Crime Stoppers’ flag-raising ceremony event on September 15th at the City of Guelph.

Social media screenshot from City of Guelph Mayor Cam Guthrie. Mayor Cam Guthrie speaking at Crime Stoppers’ flag-raising ceremony event on September 15th at the City of Guelph.
ध्वनि समाचार | 29 सितम्बर 2025
ग्वेल्फ़, ओन्टारियो (Guelph, ON):
ओंटारियो सरकार द्वारा पूरे प्रांत में ऑटोमेटेड स्पीड एनफोर्समेंट (ASE) कैमरों पर प्रतिबंध लगाने के फैसले ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। ग्वेल्फ़ के मेयर कैम गुथरी ने इस कदम पर कड़ा विरोध जताते हुए कहा कि यह न केवल सड़क सुरक्षा को कमजोर करेगा बल्कि ग्वेल्फ़ जैसी नगरपालिकाओं को गलत ढंग से प्रस्तुत भी करता है।
प्रिमियर डग फोर्ड की घोषणा के बाद जारी एक विस्तृत बयान में मेयर गुथरी ने कहा कि सरकार ने अपने ही शुरू किए और प्रचारित किए कार्यक्रम को बंद करके आत्म-विरोधाभास पैदा किया है।
मेयर गुथरी ने साफ शब्दों में कहा—
“अगर फोर्ड सरकार खुद द्वारा शुरू किए गए और प्रभावी साबित हुए सड़क व पैदल यात्री सुरक्षा कार्यक्रम को खत्म करना चाहती है, तो यह उनका निर्णय है। लेकिन इसकी पूरी जिम्मेदारी भी उनकी होगी। मगर, जो भ्रामक और गलत बयान सरकार ने दिए हैं, उन्हें मैं नज़रअंदाज़ नहीं कर सकता। ग्वेल्फ़ के लोगों को सच जानने का अधिकार है।”
मेयर ने सरकार के इस दावे को खारिज किया कि ASE कैमरे सिर्फ “कैश ग्रैब” (पैसा वसूलने का तरीका) थे। उन्होंने स्पष्ट किया कि जुर्माने से जुटी राशि किसी गुप्त फंड में नहीं जाती थी, बल्कि सीधे परिवहन रिज़र्व (Transportation Reserve) में जमा होती थी। इसी राशि से नए क्रॉसवॉक, सड़क सुरक्षा उपाय और सुधार कार्य किए जाते थे।
उन्होंने कहा, “कानून तोड़ने पर जुर्माना लगना ‘कैश ग्रैब’ नहीं है। ये कैमरे केवल राजस्व जुटाने के लिए नहीं लगाए गए थे।”
गुथरी ने ज़ोर देकर कहा कि ये कैमरे मुख्य रूप से स्कूल ज़ोन में बच्चों और संवेदनशील राहगीरों की सुरक्षा के लिए लगाए गए थे। अभिभावकों ने भी स्वीकार किया था कि कैमरों के कारण वे अपने बच्चों को पैदल या साइकिल से स्कूल भेजने में अधिक सुरक्षित महसूस करते थे।
शहर प्रशासन ने इस कार्यक्रम की प्रभावशीलता के आंकड़े भी साझा किए—
- जब ASE कैमरे लगाए गए थे, तब करीब 40% चालक निर्धारित सीमा से कम से कम 10 किमी/घंटा अधिक रफ्तार से गाड़ी चला रहे थे।
- इस साल जुलाई तक यह आँकड़ा घटकर मात्र 15% रह गया।
- कैमरे हटाने के बाद भी चालकों की रफ्तार उन्हीं इलाकों में औसतन 15% तक धीमी रही, जो इसके दीर्घकालिक प्रभाव को दर्शाता है।
मेयर ने यह भी स्पष्ट किया कि मामूली उल्लंघन पर जुर्माना नहीं लगाया जाता था: “लोगों को 2-4 किमी/घंटा अधिक रफ्तार पर टिकट नहीं मिलता था। सीमा इतनी ऊँची रखी गई थी कि केवल अत्यधिक रफ्तार पर ही कार्रवाई होती थी, जो वास्तव में खतरनाक थी।”
गुथरी ने कहा कि ग्वेल्फ़ प्रशासन ने प्रांतीय नियमों से आगे जाकर पारदर्शिता बरती। सभी कैमरों के स्थान शहर की वेबसाइट पर सार्वजनिक किए गए थे और संकेतक बोर्ड भी स्पष्ट रूप से लगाए गए थे।
हालाँकि मेयर गुथरी का कहना है कि यह कार्यक्रम पूरी तरह सुरक्षा पर केंद्रित था, लेकिन समुदाय में राय बंटी हुई है। कुछ निवासी इसे राजस्व कमाने का जरिया मानते हैं और कहते हैं कि यह ड्राइवरों को दंडित करता है, लेकिन सड़क सुरक्षा की गहरी समस्याओं का हल नहीं करता।
दूसरे निवासी मानते हैं कि पैदल यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि है, लेकिन केवल स्पीड कैमरे काफी नहीं हैं। इसके लिए बेहतर ट्रैफ़िक प्लानिंग, पुलिस निगरानी और बुनियादी ढाँचे में सुधार ज़रूरी हैं।
यह पूरा विवाद सरकारी नीतियों, स्थानीय स्वायत्तता और जनता की धारणाओं के बीच जारी तनाव को उजागर करता है। और यह बहस फिलहाल खत्म होती नज़र नहीं आ रही।
मेयर गुथरी का अंतिम संदेश स्पष्ट है:
“बच्चों की सड़क सुरक्षा किसी भी राजनीति से पहले आनी चाहिए।”








