“ॐ देवी अंबे! त्वं ही जगदंबे, भवतारिणि माता। त्वं ही सर्वस्य हेतुर्माता॥ समस्त जगत की माँ आप ही हो। आप ही इस संसार को पालने वाली माँ हैं। आप ही समस्त प्रकार की धरती और आकाश की उत्पत्ति करने वाली हैं। आप ही समस्त प्राणियों की रक्षा करने वाली माँ […]
“ॐ देवी अंबे! त्वं ही जगदंबे, भवतारिणि माता। त्वं ही सर्वस्य हेतुर्माता॥ समस्त जगत की माँ आप ही हो। आप ही इस संसार को पालने वाली माँ हैं। आप ही समस्त प्रकार की धरती और आकाश की उत्पत्ति करने वाली हैं। आप ही समस्त प्राणियों की रक्षा करने वाली माँ […]